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आज मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती है। माना जाता है कि मोक्षदा एकादशी व्रत को करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत के पुण्य फल को अपने पितरों को संकल्पित कर देने से वे नरक की यातनाओं से मुक्त होकर स्वर्ग में चले जाते हैं। आज भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। एकादशी तिथि 03 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 39 मिनट से शुरू होगी और 04 दिसंबर को सुबह 05 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी। आज गीता जंयती भी है। इस ति​थि को ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। 

पंचांग: पंचक समाप्त सुबह 6.16 मिनट पर। भद्रा सायं 5.34 मिनट से सुबह 5.35 मिनट तक। मोक्षदा एकादशी व्रत (स्मार्त)। गीता जयंती। मौनी एकादशी (जैन)। वैकुंठ एकादशी। सूर्य दक्षिणायण। सूर्य दक्षिण गोल। हेमंत ऋतु। 3 दिसंबर, शनिवार, 12 मार्गशीर्ष (सौर) शक 1944, 17 मार्गशीर्ष मास प्रविष्टे 2079, 08 जमादि उल अव्वल सन् हिजरी 1444, मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी सुबह 5.35 मिनट तक उपरांत द्वादशी, रेवती नक्षत्र सुबह 6.16 बजे तक पश्चात अश्विनी नक्षत्र, व्यतीपात योग रात्रि 04.34 बजे तक पश्चात वरीयान योग, वणिज करण, चंद्रमा सुबह 6.16 बजे से मीन राशि में उपरांत मेष राशि में।

आज राहुकाल का समय सुबह 9 बजे से प्रात 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस दौरान कोई शुभ काम नहीं किए जाते।

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शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:06  – दोपहर 12:50
अमृत काल – सुबह 03:49 –  सुबह 05:27
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05:12 – सुबह 06:04 बजे तक

अशुभ समय
यम गण्ड – दोपहर 01:51 – 03:14 दोपहर
गुलिक – सुबह  06:57 – सुबह 08:19
दुर्मुहूर्त – सुबह 06:57 – सुबह 08:25