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फाल्गुन माह की अमावस्या सोमवार को आ रही है। इस सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव की पूजा करने से चंद्रमा मजबूत होता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से धन से जुड़ी समस्या दूर होती हैं। इस दिन तर्पण और दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और परिवार को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। 

सोमवती अमावस्या पर कच्चे दूध और गंगाजल से भगवान का अभिषेक करें। इस दिन सुहागिन स्त्रियां पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं। सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान के साथ भगवान शिव की पूजा का विधान है। अमावस्या के दिन पितरों का श्राद्ध करें। भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करें। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान करें। भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। दान-पुण्य करें। पितरों की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध करें। सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को जल देने से उन्हें तृप्ति मिलती है। इस दिन पितरों का ध्यान करते हुए पीपल के पेड़ पर गंगाजल, काले तिल, चीनी, चावल, जल और पुष्प अर्पित करें। संभव हो तो सोमवती अमावस्या के दिन पीपल का पौधा लगाएं। सोमवती अमावस्या पर भगवान श्री हरि विष्णु की उपासना करें। इस दिन भगवान श्रीगणेश की भी पूजा की जाए तो विशेष फल मिलता है। इस दिन जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें। सोमवती अमावस्या के दिन किसी भी व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। चित्त स्थिर रखें। एकाग्र मन से व्रत करें। कठोर वचनों को बोलने से बचें। पितरों के नाम से गीता का पाठ करें।  

इस आलेख में दी गईं जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है। 

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