Hindustan Hindi News

इस दिन तिल का करें छह तरह से उपयोग, कभी नहीं होगी धन धान्य की कमी

माघ माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को षटतिला एकादशी का त्योहार मनाया जाता है। भगवान श्री हरि को समर्पित यह पावन व्रत रखने से कष्ट और रोगों से मुक्ति मिलती है। इस दिन तिल के उपाय करने से कई समस्याओं से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। मान्यता है कि षटतिला एकादशी का व्रत करने से हजारों वर्ष की तपस्या से अधिक पुण्य प्राप्त होता है। कहा जाता है कि जो इस दिन तिल का छह तरह से उपयोग करता है उसे कभी धन धान्य की कमी नहीं होती है। 

दुर्भाग्य से मुक्ति पाने के लिए षटतिला एकादशी के दिन स्नान करते समय पानी में कुछ बूंदें गंगाजल और थोड़े से तिल मिलाकर स्नान करें। स्वच्छ वस्त्र धारण कर भगवान श्री हरि का ध्यान करें। पीले रंग के वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लें। भगवान श्री हरि की प्रतिमा स्थापित करें और उस पर गंगा जल में तिल मिलाकर अर्पित करें। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें। फिर भगवान को तिल के लड्डू का भोग लगाएं। रात्रि में जागरण करें। द्वादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करें। भगवान श्री हरि को भोग लगाएं। इस दिल मिश्रित खिचड़ी बनाएं। एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु को पीली मिठाई का भोग लगाएं। भोजन बनाते समय उसमें तिल अवश्य मिलाएं। इस भोजन को सबसे पहले भगवान श्री हरि और माता लक्ष्मी को अर्पित करें। शारीरिक व्याधियों से मुक्ति पाने के लिए षटतिला एकादशी पर तिल का उबटन लगाना लाभकारी माना गया है। षटतिला एकादशी के दिन पांच मुठ्ठी तिल लेकर इससे हवन करें। मान्यता है कि षटतिला एकादशी के दिन तिल का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत में पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए दक्षिण दिशा की तरफ मुख कर तिल मिला जल पूर्वजों को अर्पित करें।  

इस आलेख में दी गईं जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।