Hindustan Hindi News

इस माह करें शक्ति की उपासना, करें जल का दान

चैत्र मास को उपासना का माह माना जाता है। मान्यता है कि इस माह में शक्ति की उपासना करने से ऊर्जा और बल की प्राप्ति होती है। सुख-समृद्धि पाने के लिए इस माह में भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा उत्तम फलदायी है। 

फाल्गुन पूर्णिमा के बाद चैत्र माह का आरंभ हो जाता है। चैत्र प्रतिपदा पर द्वापर युग का समापन और कलयुग का आरंभ हुआ था। इसी पावन तिथि पर सम्राट विक्रमादित्य ने शको को पराजित कर सिंहासन संभाला था। महान गणितज्ञ भास्कराचार्य ने इसी दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक दिन, महीना और वर्ष की गणना कर पंचांग की रचना की थी। चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के साथ हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। मान्यता है कि चैत्र प्रतिपदा पर द्वापरयुग का समापन और कलयुग का आरंभ हुआ था। ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत चैत्र मास से होती है। चैत्र माह के प्रारम्भ से चार मास तक जलदान करना चाहिए। इस माह नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। इस माह धीरे-धीरे अनाज खाना कम करना चाहिए। पानी अधिक पीना चाहिए। इस महीने में गुड़ नहीं खाना चाहिए। इस महीने में चना खाना बहुत अच्छा माना गया है। इस महीने से बासी भोजन, खाना बंद कर देना चाहिए। इस महीने में सूर्यदेव और देवी मां की उपासना करना चाहिए। नाम यश और पद प्रतिष्ठा के लिए सूर्यदेव की उपासना करें। इस माह में लाल फलों का दान करना चाहिए। इस माह में नियमित रूप में पेड़ पौधों में जल देना चाहिए। 

इस आलेख में दी गईं जानकारियां धार्मिक आस्था और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।