Hindustan Hindi News

कई जन्मों तक शुभ फल प्रदान करते हैं इस पावन माह में किए गए धार्मिक कार्य

माघ मास को बहुत पावन माह माना जाता है। इस माह में किए गए धार्मिक कार्यों से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और समस्त मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। इस माह भगवान श्रीहरि के साथ भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व है। इस माह अधिक से अधिक समय धार्मिक कार्यों में व्यतीत करना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। इस माह वास्तु में बताए गए कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में। 

माघ माह में अगर कुछ विशेष वस्तुओं का दान और पवित्र नदियों में स्नान किया जाए तो दीर्घायु, आरोग्य, सौंदर्य, सौभाग्य, धन-धान्य आदि की प्राप्ति होती है। माघ माह में प्रत्येक शनिवार काले तिल, काली उड़द को काले कपड़े में बांधकर किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान करें। इस उपाय से आर्थिक समस्याएं दूर हो सकती हैं। माघ मास में स्नान-दान का विशेष महत्व है। इस माह दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। माघ मास में प्रयागराज में माघ मेला आरंभ होता है। माघ मास में संगम में पूरे माह स्नान करने वाले को भगवान श्री हरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सुख-सौभाग्य, धन और संतान सुख की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि माघ मास में किए गए धार्मिक कार्यों का फल कई जन्मों तक मिलता है। माघ माह में प्रतिदिन श्रीमद्भागवत गीता या रामायण का पाठ करना चाहिए। माघ मास में स्नान के पानी में तिल डालना चाहिए। माघ मास में रोजाना तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें। शाम को तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं। माघ माह में रोजाना स्नान करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करें। उन्हें पंचामृत अर्पित करें। माघ माह में देर तक शयन करने से बचें। इस माह में भोजन में तिल और गुड़ का प्रयोग अधिक करना चाहिए। माघ माह में काले वस्त्र धारण करने से बचें। माघ मास में जरूरतमंद को गुड़, तिल और कंबल का दान शुभ फलदायी माना जाता है। माघ मास में भगवान सूर्य की उपासना अत्यंत लाभकारी है। प्रतिदिन सुबह सूर्यदेव को अर्घ्य प्रदान करें।

इस आलेख में दी गईं जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह लें।