ग्रहों के राजा सूर्यदेव हर मास राशि परिवर्तन करते हैं। पौष माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, इसे धनु संक्रांति कहा जाता है। इसी दिन से खरमास का भी आरंभ हो रहा है। धनु संक्रांति के दिन वास्तु में बताए गए कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
धनु संक्रांति के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर दान पुण्य अवश्य करें। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराएं और गर्म वस्त्रों का दान करें। सुबह सूर्यदेव को जल अर्पित कर उनकी विधिवत पूजा करें। धनु संक्रांति पर भगवान शिव का गंगाजल से अभिषेक करें। महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें। ऐसा करने से आने वाले संकट टल जाते हैं। खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य या किसी भी तरह का कोई संस्कार नहीं किए जाने का विधान बताया गया है। संक्रांति के दिन भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। उन्हें प्रसन्न करने के लिए यज्ञ करें, इससे भाग्य जागृत होता है। संक्रांति काल में भगवान सत्यनारायण की कथा सुनना, शिव चालीसा का पाठ करना शुभ फलदायी माना जाता है। धनु संक्रांति के दिन नमक न खाएं। इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करें। पितरों की कृपा पाने के लिए इस दिन तर्पण करें। काली गाय या बड़े भाई की सेवा करें। ऐसा करने से आयु में वृद्धि होती है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा का पाठ करने का विशेष महत्व है।
इस आलेख में दी गईं जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।