क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में उल्लास से मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन प्रभु ईसा मसीह का जन्म हुआ। इसे बड़ा दिन भी कहा जाता है। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह सबसे बड़ा त्योहार है। इस त्योहार में क्रिसमस ट्री का विशेष महत्व है। इस दिन पूरे घर को सजाया जाता है। क्रिसमस ट्री को भी सजाया जाता है। माना जाता है कि प्रभु यीशू के जन्म के समय बधाई देने वालों में स्वर्ग के दूत भी शामिल थे। इन्हीं दूतों ने प्रभु यीशू के जन्म की खुशी में फर के पेड़ को रोशन किया था।
इस त्योहार पर घर या प्रतिष्ठान में क्रिसमस ट्री सजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। माना जाता है कि क्रिसमस ट्री समृद्धि लाता है। इस ट्री को घर की उत्तर पूर्व दिशा में रखना चाहिए। ध्यान रखें कि क्रिसमस ट्री का आकार तिकोना ही होना चाहिए। क्रिसमस ट्री को लाइट और रिबन से सजाया जाता है। इस पर घंटी भी बांधी जाती हैं। मान्यता है कि क्रिसमस ट्री पर लाल रंग के रिबन में बांधकर तीन सिक्के लटकाए जाएं तो घर में धन की कमी नहीं होती है। वास्तु में तिकोने आकार को अग्नि का प्रतीक माना जाता है। क्रिसमस ट्री के आसपास मोमबत्ती जरूर लगाएं। मोमबत्ती जलाने से पॉजिटिव एनर्जी मिलती है। इसके आसपास रंग-बिरंगी और खुशबूदार मोमबत्ती लगाई जाएं तो घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। क्रिसमस ट्री को मोमबत्ती से सजाने पर बच्चों की उम्र लंबी होती है। माना जाता है कि क्रिसमस ट्री को सजाने से भाग्य पूरा साथ देता है। घर में क्रिसमस ट्री लाने से सभी तरह के तनाव दूर हो जाते हैं। क्रिसमस ट्री को सजाते समय उस पर लाल या पीली रंग की लाइट्स लगाएं। लाल रंग प्रेम और पीला दोस्ती का प्रतीक है। वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य द्वार के सामने कोई भी पेड़ नहीं होना चाहिए। क्रिसमस ट्री को भी लिविंग एरिया में सजा सकते हैं लेकिन मुख्य द्वार पर इसे रखने की भूल न करें।
इस आलेख में दी गईं जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।