Hindustan Hindi News

चैत्र मास के चारों सोमवार को किया जाता है यह व्रत, सुदामा ने रखा था सर्वप्रथम

चैत्र मास के चारों सोमवार को तिसुआ सोमवार कहा जाता है। इन चारों सोमवार को भगवान जगन्नाथ के मंदिर और प्रतीकों की पूजा होती है। इन सोमवार का व्रत पूजन वहीं लोग करते हैं जिन्होंने जगन्‍नाथपुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन कर लिए होते हैं। मान्यता है कि इन चारों सोमवार पर सच्ची श्रद्धा से व्रत रखने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। 

चैत्र मास के चारों सोमवार तिसुआ सोमवार कहलाते हैं। पीड़ितों के दुख दूर करने के लिए इस व्रत को सर्वप्रथम सुदामा ने रखा था। तिसुआ सोमवार में पहले सोमवार को गुड़ से, दूसरे सोमवार को गुड़ और धनिया से, तीसरे सोमवार को पंचामृत तथा चौथे सोमवार को कच्‍चा पक्‍का, हर तरह का पकवान बनाकर भगवान को भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इन चारों सोमवार पर श्रद्धा के साथ व्रत करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं। तिसुआ सोमवार में मंदिरों में भगवान की पूजा होती है। इन सोमवार की पूजा दोपहर के समय होती है। दोपहर तक श्री जगदीश का दर्शन कर आने वाला अथवा घर का प्रमुख व्यक्ति व्रत रखता हैं। फूलों की माला के साथ जौ, आम्र-मंजरी तथा टेसू के पुष्प चढ़ाने का इस व्रत में विशेष महात्म्य है। इस व्रत में कच्चे-पक्के पकवानों का भोग लगाकर कथा कही जाती है। 

इस आलेख में दी गईं जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।