नवरात्रि का पहला दिन: शारदीय नवरात्रि आज से शुरू हो रहे हैं। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। जहां श्रद्धालु कलश स्थापना के साथ एक ओर जहां दुर्गा सप्तशती पाठ करेंगे। वहीं, दूसरी ओर 9 दिनों तक अखंड ज्योति भी जालएंगे। नवरात्रि के पहले दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप की उपासना होती है। मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। मान्यता है कि माता शैलपुत्री की पूजा करने से सूर्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। मां शैलपुत्री को गाय के शुद्ध घी का भोग लगाना चाहिए। माता शैलपुत्री को सफेद रंग बेहद पसंद है। इससे अच्छा स्वास्थ्य और मान-सम्मान मिलता है।

Navratri आज से, नोट कर लें कलश स्थापना की सही विधि और मुहूर्त

नवरात्रि का मुहूर्त 
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 तक है। घटस्थापना तिथि – रविवार 15 अक्टूबर 2023, घटस्थापना मुहूर्त- प्रातः 06:30 मिनट से प्रातः 08:47 मिनट तक। अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:48 मिनट से दोपहर 12:36 मिनट तक रहेगा। 

नवरात्रि कलश स्थापना का ये मुहूर्त है सबसे बेस्ट, नोट कर लें पूजन सामग्री

पूजा-विधि
सुबह उठकर स्नान करें और मंदिर साफ करें 
माता का गंगाजल से अभिषेक करें।
अक्षत, लाल चंदन, चुनरी और लाल पुष्प अर्पित करें।
सभी देवी-देवताओं का जलाभिषेक कर फल, फूल और तिलक लगाएं। 
कलश स्थापित करें। 
प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।
घर के मंदिर में धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं 
दुर्गा सप्तशती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें 
पान के पत्ते पर कपूर और लौंग रख माता की आरती करें।
अंत में क्षमा प्राथर्ना करें। 

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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