आज आषाढ़ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। इस अमावस्या की तिथि को शनि अमावस्या या शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जाता है। शनिवार के दिन अमावस्या तिथि होने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। इस दिन दान और स्नान से जीवन के सभी पाप दूर होते हैं। इस पर्व पर पितृ पूजा करने से परिवार वालों की उम्र और सुख-समृद्धि भी बढ़ती है। आज प्रात: 9.00 बजे से 10.30 बजे तक राहुकाल रहेगा।
अन्वाधान। आषाढ़ शनिवासरी अमावस्या। स्नान-दानादि प्रात: 6 बज कर 47 मिनट तक। सूर्य दक्षिणायण। सूर्य उत्तर गोल। वर्षा ऋतु।
10 जुलाई, शनिवार, 2021, 19 आषाढ़ (सौर) शक 1943, 26 आषाढ़ मास प्रविष्टे 2078, 29 जिल्काद सन् हिजरी 1442, आषाढ़ कृष्णअमावस्या प्रात: 6 बज कर 47 मिनट तक उपरांत प्रतिपदा। पुनर्वसुनक्षत्र रात्रि 1 बज कर 2 मिनट तक तदनंतर पुष्य नक्षत्र। व्याघात योग सायं 4 बज कर 49 मिनट तक पश्चात हर्षण योग। नाग करण। चंद्रमा सायं 6 बज कर 38 मिनट तक मिथुन राशि में उपरांत कर्क राशि में।