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पूरी दुनिया का उद्धार करने के लिए धरती पर आए प्रभु यीशु

मानव जाति की रक्षा के लिए प्रभु यीशु को धरती पर भेजा गया। प्रभु यीशु के जन्म से पहले ही यह भविष्यवाणी कर दी गई थी कि धरती पर ईश्वर का पुत्र जन्म लेगा, जो राजा बनेगा और उसके राज्य की कोई सीमा नहीं होगी। वह पूरी दुनिया को कष्ट से मुक्ति दिलाएगा और लोगों को सही रास्ते पर चलने की शिक्षा देगा। पूरी दुनिया का उद्धार करेगा। प्रभु यीशु के जन्म के अवसर पर मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार 12 दिनों तक मनाया जाता है। 

प्रभु यीशु का जब जन्म हुआ तब उनके माता-पिता को बधाई देने वालों में देवदूत भी शामिल थे, जिन्होंने सितारों से रोशन सदाबहार फर उन्हें गिफ्ट किया। प्रभु यीशु के जन्मदिन के अवसर पर लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री सजाते हैं। एक दूसरे को उपहार देते हैं। क्रिसमस पर केक खाने और इसे बांटने की परंपरा है। इस दिन भारत समेत अधिकांश देशों में सार्वजनिक अवकाश रहता है। क्रिसमस के दिन प्रभु की प्रशंसा में लोग कैरोल गाते हैं। भाईचारे का संदेश देते हुए घर-घर जाते हैं। पारिवारिक सदस्यों में सभी को सांता क्लाज़ द्वारा क्रिसमस की मध्यरात्रि में उपहार बांटने की परंपरा है। क्रिसमस का त्योहार सबके साथ मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है। प्रभु यीशु कहते थे कि दीन-दुखियों की सेवा संसार का सबसे बड़ा धर्म है। संत निकोलस नेक इंसान थे, जिन्हें जरूरतमंदों और बच्चों को उपहार देना बेहद पसंद था। संत निकोलस ज्यादातर उपहार आधी रात को ही देते थे क्योंकि वो नहीं चाहते थे कोई उन्हें उपहार देते हुए कोई देखे। उन्हीं की याद में सेंटा द्वारा उपहार बांटने की परंपरा शुरू हुई। क्रिसमस ट्री को जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि क्रिसमस ट्री को सजाने से बच्चों की आयु लंबी होती है और घर में सुख शांति और समृद्धि आती है। ब्रिटेन में क्रिसमस का अगला दिन बॉक्सिंग डे के रूप में सेलिब्रेट किया जाता है। इस दिन को फीस्ट ऑफ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है।

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