भगवान श्रीगणेश हर संकट और विघ्न बाधाओं को दूर करने वाले हैं। चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश को समर्पित है। भगवान श्रीगणेश सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूज्यनीय हैं। भगवान श्रीगणेश की कृपा से भक्तों को समृद्धि, ज्ञान और सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। चतुर्थी के दिन को मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। भगवान श्रीगणेश की कृपा पाने के लिए इस दिन कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए। आइए जानते हैं इनके बारे में।
हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश के लिए व्रत किया जाता है। इस व्रत को गणेश चतुर्थी व्रत कहा जाता है। चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश की प्रिय तिथि है। चतुर्थी के दिन भगवान श्रीगणेश को गेंदे का फूल, मोदक और गुड़ का नैवेद्य अर्पित करें। भगवान श्रीगणेश को सिंदूर अत्यंत प्रिय है। चतुर्थी के दिन भगवान श्रीगणेश को पूजन में सिंदूर का तिलक लगाएं। चतुर्थी पर शमी के पेड़ का पूजन करने से भगवान श्रीगणेश प्रसन्न होते हैं। चतुर्थी के दिन श्री गणेश पंचरत्न स्तोत्र का पाठ करें। भगवान श्रीगणेश की पूजा में लाल वस्त्र तथा लाल चंदन का प्रयोग करें। मन की शांति और संतान की प्रगति के लिए सफेद या पीले वस्त्र धारण करें। भगवान श्रीगणेश की उपासना से ऋण से मुक्ति प्राप्त होती है। चतुर्थी तिथि पर अपने घर या प्रतिष्ठान में भगवान श्रीगणेश की मूर्ति स्थापित करें। घर में आनंद, उत्साह और उन्नति के लिए नृत्य की मुद्रा वाली भगवान श्रीगणेश की मूर्ति लगाएं। इस दिन भगवान शिव, मां पार्वती, चंद्रदेव और कार्तिकेय जी की भी पूजा करें। श्रद्धा के साथ श्रीगणेश चालीसा का पाठ करें।
इस आलेख में दी गईं जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।