Rakhi: श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को भाई बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा सूत्र (Rakhi 2023) का महापर्व मनाया जाता है। यह पर्व भद्रा में कदापि संपन्न नहीं करना चाहिए। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी भद्रा के चलते तिथियों के उलट फेर से यह पर्व 30 व 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जायेगा। ज्योतिष डा.शैलेश मोदनवाल ने बताया कि 30 अगस्त को दिन में 10.14 बजे से पूर्णिमा तिथि का संयोग मिल रहा है, जबकि इसी दिन सुबह 10.13 बजे से भद्रा लग रही है, जो उक्त दिन रात्रि 08.57 बजे तक है।
पूर्णिमा तिथि 31 अगस्त को सुबह 07.46 बजे तक ही है, इस प्रकार 30 अगस्त रात्रि 08.58 बजे से 31 अगस्त सुबह 07.46 बजे तक रक्षा बंधन का पर्व मनाना उचित एवं श्रेष्ठ होगा। ज्योतिष एवं वास्तु आचार्य डॉ टी पी त्रिपाठी ने भद्रा उपरांत पूर्णिमा तिथि के संयोग में पर्व को मनाने की बात बतायी।
रक्षा बंधन पर रहेगी भद्रा, जानें 30 या 31 कब बांधी जाएगी राखी
भद्रा के विषय में वर्णन करते हुए पंडित मुरारी श्याम पांडेय ने बताया कि भद्रा शनि देव की बहन का नाम है, जो भगवान सूर्य और माता छाया की संतान है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भद्रा का जन्म दैत्यों के विनाश के लिए हुआ था। ऐसा माना जाता है रावण को उसकी बहन ने भद्रा काल में राखी बांधी थी, जिसकी वजह से रावण का अंत भगवान राम के हाथों हुआ। इसीलिए किसी भी शुभ काम को करते समय इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए कि भद्रा काल ना चल रहा हो।
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