मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं। सूर्यदेव का उत्तरायण होना बहुत शुभ माना जाता है, इसीलिए मकर संक्रांति का विशेष महत्व माना गया है। मकर संक्रांति के दिन वास्तु में बताए गए कुछ विशेष उपाय करने से भाग्य प्रबल होता है और आरोग्य की प्राप्ति होती है। इन उपायों को करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पूर्व शयन शैय्या का त्याग कर स्नान करें। कहा जाता है कि जो व्यक्ति मकर संक्रांति के दिन स्नान नहीं करता है वह रोगी और निर्धन बना रहता है। इस दिन तिल स्नान करने वाला मनुष्य सात जन्म तक आरोग्य को प्राप्त करता है। स्नान के बाद सूर्यदेव की पूजा करें। इस दिन किए गए दान का सहस्त्र गुना पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन गर्म वस्त्र, घी, दाल-चावल की कच्ची खिचड़ी और तिल आदि का दान विशेष रूप से फलदायी माना गया है। पितरों की शांति के लिए तिल युक्त जल से तर्पण करें। आरोग्य, सुख-समृद्धि के लिए तिल का प्रयोग, तिल के जल से स्नान, तिल का दान, तिल का भोजन करें। इस दिन तिल का उबटन लगाने से पाप नष्ट होते है। इस दिन जरूरतमंदों को भोजन कराने से घर में कभी भी अन्न धन की कमी नहीं रहती है। मकर संक्रांति के दिन पितरों को तिल युक्त जल देना, अग्नि में तिल से हवन करना, तिल खाना, तिल खिलाना एवं तिल का दान करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन सूर्यदेव के पूजन में लाल फूल का उपयोग करें। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करने का विशेष महत्व है। इस दिन गायों को हरा चारा खिलाएं। इस दिन घी का दान करने से मान-सम्मान, यश-कीर्ति में वृद्धि होती है। मकर संक्रांति के दिन पक्षियों को दाना अवश्य खिलाएं। इस दिन गंगा में स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।