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माघ माह को बड़ा ही पुण्यदायी माह माना गया गया है। माघ माह में स्नान, दान और व्रत का फल अन्य महीनों से अधिक मिलता है। माघ माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन भगवान श्री हरि को समर्पित जया एकादशी व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक इस व्रत को करता है उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

जया एकादशी व्रत में भगवान श्री हरि विष्णु के जगदीश्वर स्वरूप के पूजन का विधान है। मान्यता है कि जया एकादशी व्रत का पालन करने से मनुष्य समस्त पापों से मुक्त होकर मोक्ष प्राप्त करता है। इस व्रत के प्रभाव से भूत, पिशाच योनियों से मुक्ति प्राप्त होती है। जया एकादशी पर भगवान का पूजन और व्रत करने से समस्त संकटों से मुक्ति मिलती है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाले इस व्रत में घी का दीप करें। एकादशी के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें। व्रत का संकल्प लें और फिर भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना करें। भगवान को पीले फूल अर्पित करें। घी में हल्दी मिलाकर दीपक करें। भगवान श्री हरि को नीले पुष्प अर्पित करें। तुलसी व नारियल की खीर का भोग लगाएं। पूजन के बाद भोग प्रसाद रूप में कन्या को खिलाएं। द्वादशी तिथि पर ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद व्रत का पारण करें। एकादशी की शाम तुलसी के पौधे के समक्ष दीपक जलाएं। गोमती चक्र और पीली कौड़ी भी पूजा में रखें। इस व्रत में गाय को चारा खिलाएं तथा जरूरतमंदों को वस्त्र, भोजन आदि प्रदान करें। जया एकादशी पर किसी मंदिर में स्थित पीपल के वृक्ष पर जल अर्पित करें। एकादशी पर तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। पूरे दिन में केवल एक बार भोजन करें, वह भी फलाहार ही होना चाहिए।

इस आलेख में दी गईं जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि यह पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ की सलाह ले लें।

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