राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने पूरी दुनिया को सीख दी कि बिना किसी हिंसा के कोई भी लड़ाई लड़ी जा सकती है। भारत को आजादी दिलाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को शुक्रवार के दिन हुआ था, भारत की आजादी भी 15 अगस्त 1947 दिन शुक्रवार को मिली और गांधी जी की हत्या का दिन शुक्रवार को 30 जनवरी 1948 था। गांधी जी ने स्वतंत्रता के लिए सत्य और अहिंसा का रास्ता चुना। 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है।
भारत में गांधी जी के नाम पर 53 प्रमुख सड़कें हैं और विदेशों में 48 प्रमुख सड़कें हैं। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी 13 बार गिरफ्तार हुए और उन्होंने 17 बड़े अनशन किए। लगातार 114 दिन तक वह भूखे रहे थे। सबसे पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने गांधी जी को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया। महात्मा गांधी की तस्वीर 1996 से भारतीय नोटों पर छापी जा रही है। महात्मा गांधी को नोबेल पुरस्कार कभी नहीं मिला है, लेकिन उन्हें पांच बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया। 1930 में गांधी जी को अमेरिका के टाइम मैगजीन द्वारा मैन ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर में जन्मे महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था और माता का नाम पुतलीबाई था। गांधी जी का जन्मदिन 2 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय अंहिसा दिवस के रूप में विश्वभर में मनाया जाता है। अंतिम समय महात्मा गांधी के आखिरी शब्द थे “हे राम”।
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