हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख साल का दूसरा माह है। वैशाख मास को भगवान श्री हरि विष्णु का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। विशाखा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इसको वैशाख कहा जाता है। साल में एक बार श्री बांके बिहारी के चरण दर्शन इसी माह में होते हैं। सभी महीनों में कार्तिक, माघ और वैशाख का महीना उत्तम माना जाता है। इस माह में पूर्व जन्मों के पापों को दूर करने की पवित्रता है। यह मास सभी जीवों की इच्छाओं को पूरा करने वाला है।
इस माह भगवान श्री हरि विष्णु, परशुराम और देवी मां की उपासना की जाती है। वैशाख मास को ब्रह्मा जी ने सभी माह में सर्वश्रेष्ठ बताया है। यह मास धर्म, यज्ञ, दान और तपस्या का सार है। यह मास सभी देवताओं द्वारा पूजित है। वैशाख मास में सूर्योदय के समय स्नान करने की परंपरा है। वैशाख माह में सोमवार को जल में केसर मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से विवाह में आ रही परेशानियां दूर होती हैं। इस मास के सोमवार को सुहागिन को साड़ी, चूड़ियां, कुमकुम आदि सुहाग का सामान देना अत्यंत शुभ माना गया है। इस माह में प्रत्येक दिन सूर्योदय के समय सूर्यदेव को जल का अर्घ्य अर्पित करें। भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण का स्मरण करें। विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। तुलसी सहित अन्य पेड़-पौधों की सेवा करें। संध्याकाल के समय तुलसी के समीप दीपक प्रज्वलित करें। वैशाख माह में एक ही समय भोजन करें। इस माह में जलदान अवश्य करें। पूर्वजों के नाम पर प्याऊ लगवाएं। इस माह लाल गुलाब का फूल या कमल का पुष्प मां लक्ष्मी का अर्पित करें। इस माह पानी और छाते का दान करें। वैशाख मास में जलदान करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। वैशाख मास में पानी की इच्छा वालों को पानी, छाया चाहने वालों को छाता, गर्मी से त्रस्त व्यक्ति को पंखा, जूते-चप्पल आदि का दान करना चाहिए। इस माह माधव नाम से भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। इसी कारण वैशाख मास को माधव मास नाम से भी जाना जाता है।
इस आलेख में दी गईं जानकारियां धार्मिक आस्था और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।