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Chhath: हिंदू धर्म में छठ पूजा को विशेष महत्व दिया गया है। छठ पूजा पर विशेष रूप से सूर्य देव और छठी मैया की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है। यह चार दिवसीय पूजा होती है, जिसमें सूर्य देव को अर्घ्य देना महत्वपूर्ण माना जाता है। छठ की पूजा में उगते सूर्य और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इस पूजा का पहला दिन नहाय-खाय का माना जाता है। वहीं, दूसरा दिन लोहंडा और खरना का है, तीसरे दिन छठ की पूजा और शाम के समय डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। वहीं, चौथे दिन सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का पारण किया जाता है। इसलिए आइए जानते हैं छठ पूजा की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में-

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छठ पूजा का मुहूर्त
कार्तिक शुक्ल षष्ठी ति​थि शुरुआत- 18 नवंबर, सुबह 09:19 ए एम
कार्तिक शुक्ल षष्ठी ति​थि समाप्त- 18 नवंबर,सुबह 07:24 ए एम
उदयातिथि- 19 नवंबर
नहाय-खाय- 17 नवंबर
लोहंडा और खरना- 18 नवंबर 
छठ पूजा संध्या अर्घ्य- 19 नवंबर 
व्रत पारण- 20 नवंबर 

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छठ पूजा महत्व
हिंदू मान्यताओं के अनुसार छठ की पूजा बेहद ही कठिन पूजा मानी जाती है। इस पूजा के दौरान तीन दिनों तक निर्जला व्रत रखा जाता है, जो बेहद ही मुश्किल है। छठ छठ पूजा में विशेष तौर पर सूर्य देव और छठी मां की पूरे विधि विधान से पूजा की जाती है। इस पूजा में नदी के किनारे भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। छठ पूजा संतान प्राप्ति और संतान के सुखमय जीवन के लिए की जाती है।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।