Kanya Pujan Navami: नवरात्रि के नौ दिनों शक्ति की आराधना की जाती है। ऐसी मान्यता है की इन 9 दिनों कन्याओं और महिलाओं का आदर-सम्मान करना चाहिए और उनका अपमान या दिल दुखाना नहीं चाहिए। वहीं, धार्मिक दृष्टि से नवरात्रि में कन्या पूजन बेहद जरूरी और पुण्यदायक माना जाता है। मान्यता है की नवमी के दिन कन्या पूजन करना आती शुभ माना जाता है। वहीं, 23 अक्टूबर को नवमी है। इसलिए अगर आप भी इस दिन कन्या पूजन करने का प्लान कर रहे हैं तो नोट कर लें शुभ मुहूर्त और कन्या पूजं की सही विधि-

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नवमी तिथि शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 04:45 ए एम से 05:36 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:43 ए एम से दोपहर 12:28 तक 
विजय मुहूर्त- दोपहर 01:58 से दोपहर 02:43 तक 
गोधूलि मुहूर्त- 05:44 पी एम से 06:09 पी एम
अमृत काल- 07:29 ए एम से 08:59 ए एम
निशिता मुहूर्त- दोपहर 11:40 से 12:31 ए एम, अक्टूबर 24, 05:50 ए एम, अक्टूबर 24 से 07:19 ए एम, अक्टूबर 24
रवि योग- पूरे दिन
सर्वार्थ सिद्धि योग- 06:27 ए एम से 05:14 पी एम

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कन्या पूजन विधि 
1- कन्याओं को 1 दिन पहले ही आमंत्रित करें
2- सभी कन्याओं के पांव को साफ जल, दूध और पुष्प मिश्रित पानी से धोएं
3- फिर कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें
4- आप सभी कन्याओं को लाल चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं
5- श्रद्धा अनुसार कन्याओं को चुनरी भी उढ़ा सकते हैं
6- अब कन्याओं को भोजन कराएं
7- दक्षिण या उपहार देकर सभी कन्याओं के पांव छूकर आशीर्वाद लें
8- माता रानी का ध्यान कर क्षमा प्रार्थना करें

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कन्या पूजन महत्व 
नवरात्रि की पूजा बिना कन्या पूजन के अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि के 9 दिन में किसी भी दिन कन्या पूजन की जा सकती है। वहीं, अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 10 वर्ष तक की कन्याओं की पूजा करना अति पुण्यदायक माना जाता है। कन्याओं के साथ एक बालक की भैरों बाबा के रूप में भी पूजा की जाती है। 9 कन्याओं और एक बालक की पूजा करना शुभ माना जाता है।

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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।