नौ ग्रहों में से एक राहु ग्रह भी है कहा जाता है कि राहु काल के समय कोई भी पूजा, हवन ,यज्ञ करने पर उसके शुभ परिणाम प्राप्त नहीं होते इसलिए कोई भी शुभ काम की शुरुआत करने से पहले राहुकाल का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। राहु काल में किसी भी शुभ काम को करने की मनाही होती है। राहु काल को राहु कालम नाम से भी जाना जाता है। प्रत्येक दिन में सूर्योदय से सूर्यास्त तक का 8वां भाग यानी डेढ़ घंटा ऐसा होता है जो राहुकाल कहलाता है। इस वक्त किसी की कीमती चीज की खरीददारी या कोई भी शुभ काम नहीं करने चाहिए।
राहुकाल
14 अक्टूबर: सुबह 10:40 बजे से दोपहर 12:07 मिनट तक
15 अक्टूबर: सुबह 09:14 से 10:40 मिनट तक
16 अक्टूबर: शाम 04:25 मिनट से 05:51 तक
17 अक्टूबर: सुबह 07:49 मिनट से 09:15 तक
18 अक्टूबर: दोपहर 02:57 मिनट से 04:23 तक
19 अक्टूबर: दोपहर 12:06 मिनट से 01:31 तक
20 अक्टूबर: दोपहर 01:31 मिनट से 02:56 तक
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पंचांग, वैदिक ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति के आधार पर रोजाना के कार्यों को करने के लिए शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने में उपयोग किया जाने वाला कैलेंडर है। इसमें पांच तत्व शामिल हैं – वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। पंचांग का सार दैनिक आधार पर सूर्य (हमारी आत्मा) और चंद्रमा (मन) के बीच का अंतर्संबंध है। पंचांग का उपयोग वैदिक ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं जैसे कि जन्म, चुनाव, प्रश्न, धार्मिक कैलेंडर और दिन की ऊर्जा को समझने के लिए किया जाता है। हमारे जन्मतिथि के आधार पर पंचांग हमारी भावनाओं और स्वभाव को दर्शाता है कि हम कौन हैं और हम कैसा महसूस करते हैं। यह ग्रहों के समझने में भी हमारी मदद करता है।