पंचांग वैदिक ज्योतिष में प्रचलित ग्रहों की स्थिति के आधार पर दिन-प्रतिदिन के कार्यों को करने के लिए शुभ और अशुभ समय निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाने वाला कैलेंडर है। इसमें पांच तत्व शामिल हैं – वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। पंचांग का सार दैनिक आधार पर सूर्य (हमारी आत्मा) और चंद्रमा (मन) के बीच का अंतर्संबंध है। पंचांग का उपयोग वैदिक ज्योतिष की विभिन्न शाखाओं जैसे कि जन्म, चुनाव, प्रश्न (हॉरी), धार्मिक कैलेंडर और दिन की ऊर्जा को समझने के लिए किया जाता है। हमारे जन्म का दिन पंचांग हमारी भावनाओं, स्वभाव और स्वभाव को दर्शाता है। यह इस बारे में अधिक जानकारी प्रदान कर सकता है कि हम कौन हैं और हम कैसा महसूस करते हैं। यह ग्रहों के प्रभाव को बढ़ा सकता है और हमें अतिरिक्त विशेषताओं के साथ प्रदान कर सकता है जिसे हम केवल हमारे जन्म चार्ट के आधार पर नहीं समझ सकते हैं। पंचांग जीवन शक्ति ऊर्जा है जो जन्म कुंडली का पोषण करती है।
इस सप्ताह, मंगल अपनी ही राशि मेष में गोचर करेगा। मंगल का राशि परिवर्तन सकारात्मक बदलाव लाएगा। इसके अलावा वाहन और संपत्ति की खरीद के लिए इस सप्ताह चुनिंदा शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। आइए देखतें हैं 24 से 30 जून का पंचांग-
शुभ मुहूर्त- वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यदि शुभ मुहूर्त के दौरान कार्य किए जाएं तो उसके सफल होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। एक शुभ मुहूर्त हमें हमारे भाग्य के अनुसार सर्वोत्तम संभव परिणाम प्रदान करता है यदि हम ब्रह्मांडीय समय के अनुरूप कार्य को अंजाम देते हैं। इसलिए किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करते समय मुहूर्त का ध्यान रखना जरूरी है। विभिन्न गतिविधियों के लिए इस सप्ताह का शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:
Click here to preview your posts with PRO themes ››
विवाह मुहूर्त : विवाह के लिए इस सप्ताह कोई शुभ मुहूर्त नहीं है।
गृह प्रवेश मुहूर्त: गृह प्रवेश के लिए इस सप्ताह कोई शुभ मुहूर्त उपलब्ध नहीं है।
संपत्ति खरीद मुहूर्त: संपत्ति की खरीद और पंजीकरण के लिए शुभ मुहूर्त केवल 30 जून (05:26 पूर्वाह्न से 01:07 पूर्वाह्न, जुलाई 01) तक रहेगा।
वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त: इस सप्ताह वाहन क्रय का शुभ मुहूर्त 26 जून (शाम 01:06 बजे से 03:25 पूर्वाह्न, 27 जून) तक रहेगा।
आगामी ग्रह गोचर- वैदिक ज्योतिष में, ग्रहों का गोचर विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वे जीवन में परिवर्तन और प्रगति का अनुमान लगाने का प्रमुख तरीका हैं। ग्रह दैनिक आधार पर चलते हैं और इस प्रक्रिया में कई नक्षत्रों और राशियों से गुजरते हैं। यह हमें घटनाओं की प्रकृति और विशेषताओं को समझने में सहायता करता है जैसे वे घटित होती हैं।
1- शुक्र 26 जून रविवार को शाम 06:13 बजे रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा।
2- मंगल 27 जून सोमवार को सुबह 06:00 बजे मेष राशि में प्रवेश करेगा।
3- मंगल और शनि 28 जून, मंगलवार को 03:56 पूर्वाह्न पर 60-डिग्री (सेक्स्टाइल) पर रहेंगे।
4-बुध 28 जून मंगलवार को दोपहर 12:40 बजे मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करेगा।
Click here to preview your posts with PRO themes ››
इस सप्ताह के व्रत त्योहार-
योगिनी एकादशी (शुक्रवार, 24 जून): यह उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष के दौरान और दक्षिण भारतीय कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष के दौरान आती है। ऐसा माना जाता है कि योगिनी एकादशी का व्रत करने से सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन में सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
मेष से लेकर मीन राशि तक वाले शनिवार को जरूर करें ये छोटा सा उपाय, कभी नहीं पड़ेगा शनि का अशुभ प्रभाव
मासिक शिवरात्रि (सोमवार, 27 जून): शिवरात्रि शिव और शक्ति के अभिसरण का त्योहार है। हर महीने, कृष्ण पक्ष के दौरान चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मासिक शिवरात्रि व्रत (उपवास) करने से असंभव और कठिन कार्य को पूरा किया जा सकता है।
दर्श अमावस्या (मंगलवार, 28 जून): हिंदू कैलेंडर में अमावस्या का दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि कई अनुष्ठान केवल अमावस्या तिथि को ही किए जाते हैं।
आषाढ़ अमावस्या (बुधवार, 29 जून): आषाढ़ के महीने में पड़ने वाली अमावस्या तिथि आषाढ़ अमावस्या के रूप में मनाई जाती है। इस पावम दिन अपने पूर्वजों का श्राद्ध या तर्पण करना शुभ माना जाता है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (गुरुवार, 30 जून): आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि का पावन पर्व आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पहले दिन) से आषाढ़ महीने में शुक्ल पक्ष की नवमी (नौवें दिन) तक मनाया जाता है। यह 30 जून को शुरू होता है और 10 जुलाई को समाप्त होता है। घटस्थापना नवरात्रि के दौरान महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। यह नौ दिनों की दुर्गा पूजा की शुरुआत का प्रतीक है।
शनिवार पूजा- विधि : शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए ऐसे करें पूजन, इन बातों का रखें विशेष ध्यान
Click here to preview your posts with PRO themes ››
अशुभ राहु काल –वैदिक ज्योतिष के अनुसार राहु एक अशुभ ग्रह है। राहु के प्रभाव में आने वाले समय में कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। इस समय के दौरान शुभ ग्रहों को प्रसन्न करने के लिए पूजा, हवन या यज्ञ करना राहु के पापी स्वभाव के कारण बाधित होता है। कोई भी नया काम शुरू करने से पहले राहु काल पर विचार करना जरूरी है। ऐसा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति की संभावना बढ़ जाती है। इस सप्ताह के लिए राहु काल का समय निम्नलिखित है:
24 जून: 10:39 पूर्वाह्न से 12:24 अपराह्न
25 जून: 08:54 पूर्वाह्न से 10:39 पूर्वाह्न
जून 26: 05:38 अपराह्न से 07:23 अपराह्न
27 जून: 07:10 पूर्वाह्न से 08:55 पूर्वाह्न तक
28 जून: 03:54 अपराह्न से 05:38 अपराह्न
जून 29: 12:25 अपराह्न से 02:09 अपराह्न
जून 30: 02:09 अपराह्न से 03:54 अपराह्न