Pradosh Vrat October 2023: धार्मिक मान्यताओं में प्रदोष व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति प्रदोष का व्रत पूरे विधि-विधान से रखता है भगवान भोलेनाथ उसकी हर मनोकामना पूरी कर देते हैं। हर महीने दो बार प्रदोष व्रत की तिथि पड़ती है। वहीं, अक्टूबर के महीने में पहला प्रदोष व्रत 11 तारीख को रखा जाएगा। इसलिए आइए जानते हैं प्रदोष व्रत की तिथि और पूजा की विधि- 

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शुभ मुहूर्त- 
शुक्ल त्रयोदशी तिथि शुरुआत- दोपहर 03 बजकर 07 मिनट, 11 अक्टूबर 
शुक्ल त्रयोदशी तिथि समाप्ति- शाम 05 बजकर 23 मिनट, 12 अक्टूबर 
संध्या पूजा मुहूर्त- शाम 05 बजकर 59 मिनट – रात 08 बजकर 18 मिनट तक

शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं? 
घी
दही
फूल
फल
अक्षत
बेलपत्र
धतूरा
भांग
शहद
गंगाजल
सफेद चंदन
काला तिल
कच्चा दूध
हरी मूंग दाल
शमी का पत्ता

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प्रदोष पूजा विधि
स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें। अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। फिर संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं। फिर शिव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें। अब प्रदोष व्रत की कथा सुनें। फिर घी के दीपक से पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें। अंत में ओम नमः शिवाय का मंत्र-जाप करें। अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

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